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मंदिर विषयक

झाबुआ शहर के मध्य भाग में स्थित गोपाल मंदिर जिले भर में अपनी अलग पहचान बनाये हैं. वैसे तो शहर मैं सेकडो मंदिर हैं पर गोपाल मंदिर शायद अपने अलग अस्तित्व एवं प्राचीन स्म्रतियो के कारण शायद यहाँ के लोगो को और अन्यत्र निवासरत लोगो को अपनी और आकर्षित करता हैं. माँ गोपाल अपने पुरे परिवार के साथ यहाँ पर विराजित हैं मंदिर प्रांगण में समय समय पर विभिन्न आयोज़न किये जाते हैं जिनमे प्रमुख वार्षिक उत्सव, गुरु पूर्णिमा आदि हैं. यहाँ पर विभिन्न उत्सव जैसे राम नवमी,कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी आदि को भी भव्य रूप मैं मनाया जाता हैं. 
           गोपाल मंदिर का वार्षिक उत्सव प्रति वर्ष मई माह मैं मनाया जाता हैं उत्सव चार दिन का होता हैं जिसमे पुरे मंदिर पर आकर्षक साज़ सज्जा की जाती हैं गोपाल मंदिर झाबुआ के अलावा जन्त्राल, बावड़ी, भरूच और महू मैं भी हैं गुरु पूर्णिमा के अवसर पर इन जगहों पर भी भव्य आयोज़न किये जाते हैं. झाबुआ स्थित गोपाल मंदिर मैं कार्य समिति के देखरेख मैं विभिन्न संस्थाए भी संचालित की जाती हैं जिनमे श्री गोपाल वाचनालय, श्री गोपाल शिशु विद्या मंदिर आदि हैं. वाचनालय मैं धार्मिक, संस्कृतिक, साहित्यिक जैसे कुल 50000 पुस्तकों का संग्रह हैं. विद्यालय मैं कक्षा 1 से 5 तक कक्षाए आयोजित की जाती हैं जिनका सञ्चालन मंदिर कार्यसमिति द्वारा किया जाता हैं. मंदिर मैं प्रातकाल 9:30 बजे आरती की जाती हैं एवं सांयकाल 8 से 9 भजन संध्या आयोजित की जाती हैं विभिन्न उत्सव के दोरान मंदिर मैं विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता हैं जो मंदिर प्रांगण मैं होता हैं. 
        गोपाल मंदिर का निर्माण आज से 52 वर्ष पूर्व 1970 में हुआ था तब यह स्थान पूरी तरह रिक्त था तथा मंदिर निर्माण के पश्चात् यहाँ कालोनी का निर्माण किया गया जिसे गोपाल कालोनी का नाम दिया गया। मंदिर में हाल ही में अपना निर्माण के 52 वर्ष पूरे किये है. गोपाल मंदिर में वर्ष 2020 में माँ गोपाल प्रभु का 100 वा जन्मोत्सव शताब्दी महोत्सव के रूप में भव्य रूप में मनाया गया , इस आयोजन में देश- विदेश के हज़ारो गुरु भक्तो ने शिरकत की। 
          गोपाल मंदिर झाबुआ शहर के मध्य भाग में स्थित है ! गोपाल मंदिर से दाहोद शहर की दुरी मात्र 75 कि.मी है व इंदौर शहर से दुरी मात्र 150 कि.मी है। उज्जैन शहर से भी दुरी अधिक नहीं है । इसके अलावा मध्य बिंदु में स्थित होने के कारण अन्य स्थानो से गोपाल मंदिर की दुरी अधिक नही है। गोपाल मंदिर के पास में ही कई छोटे छोटे गॉव है जिनमें रानापुर, थांदला , जोबट, मेघनगर आदि है जो गोपाल मंदिर से कुछ ही किलोमीटर की दुरी पर है। इनमें मेघनगर जो कि गोपाल मंदिर से मात्र 15 कि.मी की दुरी पर स्थित है वहॉ पर रेल्वे स्टेशन की सुविधा भी है अन्यत्र स्थानो से आने वाले लोगो के लिए जो रेल मार्ग से गोपाल मंदिर तक पहुचना चाहते है वे सीधे ही रेल मार्ग से मेघनगर आकर यहॉ से उपयुक्त व्यवस्था बस जीप आदि व्यवस्था कर बिना किसी परेशानी के गोपाल मंदिर तक पहुच सकते है।

 गोपाल मंदिर के अधिक जानकारी विकिपीडिया पर देखी जा सकती है। 
 
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