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Jhabua Aastha Ka Parve Varshik Utsav

                   झाबुआ शहर  , और गोपाल मंदिर भक्त मंडल के समस्त भक्तो के लिए आस्था , और विश्वास का का एक वृहद आयोजन वार्षिक उत्सव ... पिछले 42  वर्षो से अनवरत इसी तरह मनाया  जाना वाला यह धार्मिक आयोजन न सिर्फ गोपाल मंदिर भक्त मंडल और झाबुआ शहर  अपितु सम्पूर्ण भारत देश के भिन्न  भिन्न  राज्यों से आये समस्त भक्त बालको हेतु एक अत्यंत धार्मिक और वृहद आयोजन ...  !
       हर वर्ष मई माह में मनाया जाने वाले इस वृहद आयोजन में मंदिर पंडाल में ४ दिनों तक विभिन धार्मिक आयोजन किये जाते है जिनमे  गुरु मंत्र जप , मंदिर इतिहास से सम्बंधित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आदि आयोजन के साथ ही पुरे मंदिर प्रांगन में आकर्षक साज सज्जा  की जाती है ...... 
                    आज से ४२  वर्ष पूर्व मंदिर निर्माण के समय मंदिर के समीप ही ३३ निवास स्थलों के सदस्यों का छोटा सा ऋषिकुल आज ४२  वर्ष बाद हजारो भक्तो कि आस्था व प्रेम वाला ऋषिकुल आश्रम बन चूका है। ऋषिकुल में जन्त्राल , झाबुआ , बावड़ी के साथ - साथ आस पास के गाँव, शहरो , कस्बो जैसे अनेक भक्त ऋषिकुल और गोपाल मंदिर संचालित गतिविधियों में हिस्सा लेते है । यही कारण है कि आज झाबुआ शहर अन्यत्र व दूरस्थ शहरो में गोपाल मंदिर झाबुआ के द्वारा ही पहचाना जाता है।
                                            झाबुआ शहर कि सांस्कृतिक व धार्मिक छवि को पल्वित और पोषित करने हेतु गोपाल मंदिर व ऐसे ही कई मंदिर जो पिछले कई वर्षो से अपने प्राचीन इतिहास को यथावत रखते हुए भक्तो के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है उनका भी महत्वपूर्ण योगदान है।
           सच ही है कि मध्य प्रदेश कि ऐतिहासिक स्थलों में झाबुआ जिले में सबसे अधिक धार्मिक, स्थल है जिनमे प्रमुख, गोपाल मंदिर झाबुआ, देवझिरी तीर्थ स्थल , बालाजी धाम, मातंगी धाम  जैसे अनेक धार्मिक स्थल मध्य प्रदेश के मानचित्र पर झाबुआ जिले को अलग पहचान दिलाये हुए है । इसका सजीव उदाहरण गोपाल मंदिर झाबुआ में आने वाले दूरस्थ भक्त जिन्होंने गोपाल मंदिर झाबुआ को अब तक केवल वेबसाइट या इंटरनेट संस्करण पर ही देखा है वो इस में रूचि होने पर मंदिर परिसर में माँ श्री के साक्षात् दर्शन हेतु आये। मंदिर में रोजाना अन्यत्र स्थानों से आने वाले भक्त जिनमे मंदिर के इतिहास को जानने कि रूचि को देखते हुए ऋषिकुल के बुजुर्ग भक्तो द्वारा जो स्वयं मंदिर के ४२  वर्ष के इतिहास के साक्ष्य है ।
         उनके द्वारा अन्यत्र आने वाले भक्तो को इस सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध कराइ जाती है। गोपाल मंदिर में ऋषिकुल भक्त बालको कि बढाती हुई संख्या माँ श्री के आशीर्वाद का परिचायक होने के साथ ही यह कहा जा सकता है भविष्य में गोपाल मंदिर झाबुआ का प्राचीन इतिहास प्रत्येक भक्त बालक कि जिव्हा पर होने के साथ ही झाबुआ जिले के प्राचीन इतिहास कि सूची में गोपाल मंदिर का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा, और शायद मंदिर का ये ही इतिहास युग युगांतर अपनी ऐतिहासिक छवि को सहेजे झाबुआ जिले के इतिहास में अपनी भव्य मोजुदगी दर्शायेगा।
 
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